पृथ्वी की "खोज" का संदर्भ आमतौर पर यह होता है कि लोग कब और कैसे यह समझ पाए कि पृथ्वी गोल आकार की है, न कि समतल। यह प्रक्रिया एक लंबी ऐतिहासिक यात्रा का परिणाम है और इसे किसी एक व्यक्ति से जोड़ना मुश्किल है, लेकिन कुछ प्रमुख वैज्ञानिक और विचारक थे जिन्होंने पृथ्वी के आकार और उसके बारे में जानकारी को समझने में योगदान दिया।
1. **पैथागोरस (Pythagoras)**: प्राचीन ग्रीक दार्शनिक पैथागोरस (6वीं सदी ईसा पूर्व) ने सबसे पहले पृथ्वी के गोल होने का सुझाव दिया था। उन्होंने इसे एक खगोलीय परिघटना के रूप में देखा।
2. **अरस्तू (Aristotle)**: प्राचीन ग्रीक विचारक अरस्तू (384–322 ईसा पूर्व) ने पृथ्वी के गोल होने के प्रमाण प्रस्तुत किए। उन्होंने चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी की छाया को देखा, जो गोल थी।
3. **एराथोस्थनीज (Eratosthenes)**: 3वीं सदी ईसा पूर्व में, एराथोस्थनीज ने पहली बार पृथ्वी की परिधि को मापने का प्रयास किया और यह सिद्ध किया कि पृथ्वी गोल है। उन्होंने दो अलग-अलग स्थानों के बीच सूर्य के कोणों का अध्ययन किया और पृथ्वी के आकार का अनुमान लगाया।
इस प्रकार, पृथ्वी के आकार और उसकी गोलाई का ज्ञान धीरे-धीरे विकसित हुआ, और यह ऐतिहासिक रूप से प्राचीन ग्रीक और भारतीय विचारकों के योगदान से संबंधित है।