प्रश्न यह होना चाहिए, राहुल को क्यों प्रधानमंत्री बनने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए।
मैं एक पाकिस्तानी चैनल देख रहा था जिसमें एक पैनलिस्ट कह रहा था अगर राहुल गंधी के आगे गाँधी नाम नहीं होता तो वह इटली में घोड़ों की मालिश कर रहा होता। सचमुच बुरा तो मुझे भी लगा कि यह बात उस पार्टी के तबके महामंत्री के बारे में कही जा रही है जिसने लगभग 60 साल इस देश पर राज किया है और वह भी जनता द्वारा चुने गए लोगों द्वारा।
अगर आप पाकिस्तानी न्यूज़ देखें तो हर डिबेट में होता है कि अगले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आयी तभी भारत पाकिस्तान के संबंध सुधरेंगे,संबंध सुधरने से मतलब है मोदी सरकार जिन पाकिस्तानी आतंकवादियों को कश्मीर में ही मार रही है वे कांग्रेस राज के बाद पूरे देश में दहशत फैला देंगे।
जब हाफिज सईद मोदीजी को गालियाँ देता है और केजरीवाल जैसे नेताओं की प्रशंसा करता है और कोंग्रेसी नेताओं के लिए कुछ नहीं बोलता तो लगता है देश में राहुल जैसे नेता कभी प्रधानमंत्री नहीं बनने चाहिए।
जब देश की वायुसेना द्वारा दशकों पहले बड़ी मारक क्षमता वाले जेट्स की मांग की गयी और इस डील में कमीशन न मिलने से राहुल के नेतृत्व वाली सरकार ने डील नहीं की और जब मोदी सरकार ने खरीद की तो यह शख्स झूठ फैलाकर इस डील को तुड़वाने की कोशिश कर रहा है,किसके लिए ??? निश्चित ही दुश्मन देशों को फायदा पहुंचने के लिए।
सच में देखा जाए तो अबतक के राजनैतिक कैरियर में राहुल की उपलब्धि शून्य है।
क्या राहुल ने कभी देश के विकास के लिए कोई रोडमैप रखा ??? कभी नहीं,उसे तो सामान्य ज्ञान तक नहीं है।
अगर उनके भाषण सुनें तो सिर्फ हंसी आती है,उन्हें खुद पता नहीं रहता वे क्या कह रहे हैं।
राहुल गाँधी ने अपने एक नेता मणिशंकर अय्यर को पाकिस्तान भेजा की वह मोदी को हटाने के लिए कांग्रेस की मदद करे,अगर यह बात किसी और जाग्रत देश में हुई होती तो उसका राजनैतिक कैरियर खत्म हो गया होता लेकिन भारत में उनकी सरकार से पदम् सम्मानों और अन्य सहूलियतें पाने वाले पत्रकार,मीडिया हाउसेस आज भी उन्हें लाइमलाइट में रखने के अभियान में जुटे हैं।
कल्पना कीजिये जब कांग्रेस के एक मुनीम के राज में देश को इतना लूटा गया तो अगर राहुल खुद प्रधानमंत्री बन गए तो देश कितना लुटेगा।
क्या आपने कभी उन्हें लगातार संसद की बहस में शामिल होते देखा,वे सिर्फ उसी दिन आते हैं जब उन्हें मोदीजी को गाली देनी होती है।
आज जरा उनके गठबंधन के साथियों को देखिये क्या उनमे से कोई भी ईमानदार नजर आता है ??? हर कोई घोटालों के आरोपों में फंसा है,और ये आरोप कोई आज मोदी सरकार ने नहीं लगाए बल्कि इन्ही नेताओं ने एकदूसरे पर लगाए।
सचमुच अगर कभी ऐसा दिन आया कि राहुल देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के लिए इससे ज्यादा अशुभ कुछ नहीं होगा।