भारत में ज्यादातर निवेशक अपना पैसा वहां लगाना चाहते हैं, जहां उनका निवेश सुरक्षित रहे. फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट या एनएससी इसके लिए ज्यादा पॉपुलर विकल्प हैं. यहां सबसे खास बात है कि निवेशकों का पैसा सेफ रहता है. लेकिन एक निगेटिव बात जो है, वह यह कि अब एफडी या आरडी जैसे विकल्पों में रिटर्न घट रहा है. पिछले कुछ सालों में इन योजनाओं पर ब्याज दरों में लगातार कटौती की गई है. अगर इसके विकल्प की बात करें तो एक्सपर्ट गिल्ट फंड की ओर शिफ्ट करने की सलाह दे रहे हैं. गिल्ट फंड म्यूचुअल फंड की डेट कटेगिरी में एक विकल्प है. जहां निवेशकों का पैसा सरकारी बॉन्ड या गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लगाया जाता है.
सिर्फ मामूली रिस्क है जुड़ा
गिल्ट फंड अलग-अलग अवधि में मेच्योर होने वाले सरकारी बॉन्ड या 10 साल की मेच्योरिटी वाली सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. मार्केट रेगुलेटर सेबी के मुताबिक गिल्ट फंडों को अपने एसेट का कम से कम 80 फीसदी सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करना जरूरी है. इसलिए ये फंड दूसरे डेट फंड स्कीम के मुकाबले सेफ माने जाते हैं. सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने से इन स्कीमों के साथ डिफॉल्ट का डर नहीं रहता है. फिर गिल्ट फंड में रिस्क कहां है.