L प्रत्यक्षवादः मानवीय चिन्तन के विकास का अन्तिम चरण प्रत्यक्षवाद था, जिसमें प्रक्रमों की व्याख्या सामाजिक जगत के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण स की जाती थी। विकासवाद के विचार को अंग्रेज समजशास्त्री हर्बर्ट स्पेंसर (1820-1903) के कार्यो | ने आगे बढ़ाया। इनके तीन खंडों के ग्रंथ का शीर्षक समाजशास्त्र के सिद्धान्त हैं।