नोबेले शांति पुरस्कार समिति हर साल नामांकन की संख्या उजागर करती है. महात्मा गांधी: 20वीं सदी के अहिंसा के इस सबसे बड़े पुजारी को शांति के नोबेल के लिए बार बार नामांकित किया गया. 1937, 1938, 1939, 1947 और अंत में जनवरी 1948 में हत्या किए जाने के ठीक पहले नामांकन के बावजूद नोबेल नहीं मिला.