एकाबर माता पार्वती स्नान करने गईं तो अपने पुत्र को बाहर खड़ा कर दिया और उन्होंने बालक से कहा कि किसी को भी अंदर न आने दें। कुछ देर बाद भगवान शिव आए और अंदर जाने लगे। तभी गणेशजी ने उनको रोका, इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और दोनों के बीच युद्ध शुरू हो गया। क्रोध में आकर भगवान शिव ने गणेशजी का सिर को धड़ से अलग कर दिया।