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दास प्रथा का अंत 1562 में, अकबर ने किया. दास प्रथा (अंग्रेज़ी: Slavery) काफ़ी पुराने समय से सिर्फ़ भारत में ही बल्कि दुनिया के कई देशों में व्याप्त रही है. मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है