चीन अक्सर भारत के लिए कुछ न कुछ मुसीबत खड़ी करता रहता है। उसकी ताजा हरकत से एक बार फिर से कुछ ऐसा ही इशारा मिल रहा है। बीजिंग ने उन जहाजों के चीनी बंदरगाहों पर पर आने से रोक लगा दी है, जिन भारतीय काम कर रहे हैं। समु्द्री श्रमिकों के एक संगठन ने इस अनाधिकारिक प्रतिबंध का जिक्र किया है। ऑल इंडिया सीफेयरर एंड जनरल वर्कर्स नाम के इस संगठन इसको लेकर बंदरगाह, जहाजरानी और समुद्री जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को पत्र लिखा है।
कई हजार भारतीय नाविकों की नौकरी पर खतरा
संगठन ने केंद्रीय मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि चीन द्वारा इस तरह का प्रतिबंध लगाने से कल से कम 21 हजार भारतीय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी खोने के कगार पर हैं। संगठन के अध्यक्ष अभिजीत सांगले ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बाचतीत में कहाकि यह चीन की एक चाल है। वह भारतीय समद्री श्रमिकों को काम करने से रोक रहा है, ताकि अपने श्रमिकों को बढ़ावा दे सके। उन्होंने कहाकि हमने इस बारे में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को पत्र लिखा है। साथ ही शिपिंग के डीजी और विदेश मंत्रालय को भी मामले की जानकारी दी गई है। हमने इस गंभीर मामले को देखने के लिए कहा है। अभिजीत सांगले ने कहाकि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को अलग से पत्र लिखकर तेजी से एक्शन लेने की दरख्वास्त की है। उन्होंने कहाकि इस साल की शुरुआत में भी चीन ने उन विदेशी जहाजों को रोक दिया था, जिन पर भारतीय काम कर रहे थे। इसके चलते करीब 40 भारतीय क्रू मेंबर्स कुछ दिनों के लिए चीन में फंस गए थे।